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21) कंप्यूटर से हमारा परिचय ( यादों के झरोके से )



शीर्षक = कम्यूटर से हमारा परिचय



खत्म होती इस प्रतियोगिता के आख़री चरण में कुछ और यादों को आपके साथ साँझा करने जा रहा हूँ, अब तक जितने भी साल मेरी जिंदगी में आये और जो भी कुछ याद गार लम्हें मैंने जिए उन्हे बताते तो शायद एक नॉवेल लिख जाए फिर भी वो ख़त्म ना हो,


लेकिन फिर भी  उनमे से कुछ ऐसे लम्हें मैंने छांट कर निकाले जिन्हे मैं आप के साथ और अपने लेखनी परिवार के साथ साँझा कर सकूँ और तो और इस प्रतियोगिता में अपनी भागीदारी भी कर सकूँ



उन्ही बेहतरीन लम्हों में से एक लम्हा जो की अब याद बन चूका है वो है हमारा कम्यूटर से परिचय या यूं कहे कम्यूटर के इस युग में जहाँ हर कोई चलते फिरते कम्यूटर से कही ना कही जुडा हुआ है  उसी दुनिया में हमारा पहला कदम 


कम्यूटर  जिसके तीन अन्य भाग और होते है जो उसे कंप्यूटर बनाने में उसकी मदद करते है , उसी के साथ एक उसके खानदान का दूसरा सदस्य भी बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है  जिसे हम सब ही लैपटॉप के नाम से जानते है 


जी हाँ वही लैपटॉप जिसे साथ निभाना साथिया में गोपी बहु ने सर्फ़ साबुन से धो कर अलगनी पर सूखने के लिए लटका दिया था, अब तो आप समझ ही गए होंगे अच्छे से लैपटॉप के बारे में 😂😂😂

खेर छोड़िये मुद्दे पर आते है  और काम की बात करते है हम छठी कक्षा में थे , जब हमें पता चला की हमारे स्कूल में कम्यूटर लैब बनेगी जिसमे सरकार द्वारा कुछ कम्यूटर और एक अध्यापक नियुक्त किया जाएगा जो की बच्चों को कम्यूटर चलाना सिखाएंगे 


बच्चों में ख़ुशी की लहर थी लेकिन इस ख़ुशी को हकीकत बनने में 1.5 साल लगा, आप तो जानते ही है  हमारे देश में सरकारी काम ऐसे ही होते है  जिसके चलते हमारे स्कूल में कंप्यूटरों को आने में भी 1.5 साल लगा 


जैसे तैसे करके कंप्यूटर लैब में कम्यूटर आ गए  लेकिन अभी तक कोई अध्यापक नियुक्त नही हुआ था , जिस वजह से बच्चें अभी भी इंतज़ार की सूली पर ही लटके थे , और बाहर से ही झाँक कर कम्यूटरो को देख लेते


बहुत दिन इंतज़ार करने के बाद एक अध्यापक आये  लेकिन उन्होंने भी हमें कंप्यूटर के दर्शन नही कराये, उनका कहना था की कम्यूटर को चलाने से पहले उसके बारे में जान लेना जरूरी है , जिस प्रकार एक ड्राइवर को गाड़ी चलाने से पहले उसके बारे में बताया जाता है  ठीक उसी तरह तुम सब को भी कंप्यूटर के बारे में जानने की ज़रूरत है 


जो की उनकी बात सही थी  तीन चार दिन हमें कम्यूटर के बारे में लिखवाने के बाद आख़िरकार वो दिन आन पंहुचा जब हमने अपना पहला कदम कम्यूटर लैब की और बढ़ाया दरवाज़ा खोलते ही सामने ढेर सारे कंप्यूटर देखे  जो की एक दुसरे से जुड़े हुए थे 


हम एक साथ इतने सारे कम्यूटर देख सोच में पढ़ गए  और देखते देखते हमें एक एक कम्यूटर के आगे बैठाया गया और हमारे सामने उसे खोला गया


सबसे पहले एक विंडो आयी जिस और बहुत सारी चीज़े दिखाई दे रही थी जैसा जैसा सर ने हमें लिखवाया था वैसा ही हमने उसे पाया

उस समय हमें ज्यादा कुछ नही बस थोड़ी बहुत कम्यूटर पर टाइपिंग और ड्राइंग बनाना सिखाई गयी थी 


वो पहला अनुभव कम्यूटर को देखने का आज भी याद है , उसके बाद हमने ग्यारहवीं में कम्यूटर क्लास ज्वाइन की और उसका गहरायी से अध्ययन किया


बताता चलू कम्यूटर को हिंदी में संगडक कहते है ,

ऐसी ही किसी अन्य याद को आपके समक्ष लेकर हाजिर हूँगा जब तक के लिए अलविदा


यादों के झरोखे से 

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2 Comments

Gunjan Kamal

17-Dec-2022 09:08 PM

बेहतरीन

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Sachin dev

14-Dec-2022 04:00 PM

Superb 👌

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